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प्राकृतिक आपदा प्रबन्धन पर पांच दिवसीय कार्यशाला आरम्भ

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हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) द्वारा राज्य, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संस्थान के सहयोग से प्राकृतिक आपदाओं और आपात परिस्थितियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं में आपदा जोखिम प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए यहां पांच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यशाला का उद्देश्य स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने और संकट के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस करना है।

कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए स्वास्थ्य सेवा निदेशक डॉ. गोपाल बेरी ने कहा कि प्राकृतिक आपदा की स्थिति में घायलों को बेहतर ईलाज की सुविधा प्रदान करने के लिए अस्पतालों में अधोसंरचना को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है। उन्होंने आपदा प्रबंधन योजनाओं और तैयारियों को लागू करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने समस्त प्रतिभागी स्वास्थ्य अधिकारियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम के पूरा होने के बाद सुरक्षा संस्कृति का प्रचार करने का आग्रह किया। इसके अलावा, उन्होंने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सहयोग से आपदा प्रबंधन को अस्पताल संचालन और पाठ्यक्रम में एकीकृत करने पर भी बल दिया।

प्रतिभागियों में राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान और क्षेत्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रशिक्षण केंद्र के संकाय सदस्य और अधिकारी, शिमला, सोलन और बिलासपुर जिलों के आपदा प्रबंधन के नोडल अधिकारी शामिल थे। कार्यशाला के दौरान उपस्थित लोग हेल्थकेयर सुविधा तैयारी योजना (एचडीएमपी), आपदा प्रबंधन में स्वास्थ्य देखभाल प्रशासकों की भूमिका, आपदा प्रबंधन योजनाओं (डीएमपी) की तैयारी, आपूर्ति श्रृंखला और रसद प्रबंधन, और स्वास्थ्य सुविधाओं पर ट्राइएज जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करेंगे। इसके बाद अग्निशमन और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के विशेषज्ञों द्वारा भूकंप, बाढ़ या आग के परिदृश्यों से जुड़े सिमुलेशन अभ्यास की सुविधा प्रदान की जाएगी।

कार्यशाला के दौरान आपदा तैयारियों के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग पर भी प्रकाश डाला जाएगा जिसमें रोग निगरानी के लिए रिमोट सेंसिंग और जीआईएस तकनीक शामिल हैं। इसके अलावा आपात स्थिति के दौरान मातृ एवं नवजात स्वास्थ्य और बाल स्वास्थ्य पर चर्चा विभिन्न संगठनों के विशेषज्ञों द्वारा की जाएगी। 3 मई, 2024 को कार्यशाला का समापन आपदा और आपातकालीन स्थितियों में पोषण और जल स्वच्छता और स्वच्छता (डब्ल्यूएएसएच) पर सत्रों के साथ होगा।

कार्यशाला का व्यापक लक्ष्य स्वास्थ्य देखभाल व्यवसायियों, आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है ताकि आपदाओं और आपातकालीन स्थितियों का प्रभावी ढंग से सामना करने और प्रतिक्रिया करने में सक्षम लचीली स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों का निर्माण किया जा सके। कार्यशाला के शुभारम्भ अवसर पर एसआईएच एंड एफडब्ल्यू के प्रिंसिपल डॉ. अजय कुमार दत्ता और पद्मश्री डॉ. ओमेश भारती सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए।